आपकी नजरों के
सामने से कई चीजें गुजर जाती है आप उसपर यकीन भी कर लेते है, क्योंकि भेजने वाला आपका सोशल मीडिया का दोस्त
होता है या फिर मैसेज भेजने वाला कोई आपका रिश्तेदार ऐसे में हमारी कोशिश है कि एक
सूची के तहत आपको ये जानकारी दी जाए की आपतक जो बातें पहुंच रही है वो सच है या
झूठ.
1-
कहानी - पहली पड़ताल जेएनयू में हुई नारेबाजी के
लिए. भारत में ज्यादातर लोग इस बात पर यकीन करते है कि जेएनयू के कन्हैया कुमार ने
भारत विरोधी नारे लगाए थे जिसके बाद उन्हे गिरफ्तार किया गया था.
हकीकत - कन्हैया
जेएनयू के अध्यक्ष थे इस नाते शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार किया
था.लेकिन बाद में मालूम चला की कुछ न्यूज चैनलों ने एडिटेड वीडियो का प्रसारण किया
था जिसने कन्हैया की आवाज से छेड़छाड़ की गई थी.
दिल्ली पुलिस बीते 2 साल से कन्हैया
के खिलाफ चार्जशीट तक दाखिल नहीं कर पाई है.
2-
कहानी- कहा जाता
है कि नेहरु और सरदार पटेल के बीच बनती नहीं थी , और नेहरु ने पटेल को पीएम बनने से रोका. साथ ही उनके बीच
खराब रिश्तो का हवाला दिया जाता है, यहां तक ये भी कहा जाता है कि पटेल के मरने पर नेहरु उन्हे देखने तक नहीं गए.
हकीकत - आपने फेसबुक और वॉटसअप पर तो खूब मैसेज पढे
लेकिन अब सच्चाई तो जान लीजिए. इन दोनों
नेताओं ने एक साथ कई साल जेल में बिताए और गांधीजी के साथ उन्होंने काम किया. जहां
तक पीएम बनने की बात है तो ये फैसला गांधी जी का था लेकिन इसके बाद की एक रोचक
पत्रावली भी है. एक अगस्त, 1947 को पंडित जवाहर
लाल नेहरु ने सरदार पटेल को एक पत्र लिखा कि कुछ हद तक औपचारिकताएं निभाना जरूरी
होने से मैं आपको मंत्रिमंडल में सम्मिलित होने का निमंत्रण देने के लिए लिख रहा
हूं। इस पत्र का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि आप तो मंत्रिमंडल के सुदृढ़ स्तंभ हैं। नेहरु के पत्र के दो दिन बाद
ही यानी 3 अगस्त, 1947 को सरदार पटेल ने नेहरू को लिखा कि एक अगस्त
के पत्र के लिए अनेक धन्यवाद। एक-दूसरे के प्रति हमारा जो अनुराग व प्रेम रहा है
तथा लगभग 30 वर्ष की हमारी जो अखंड
मित्रता है, उसे देखते हुए
औपचारिकता के लिए कोई स्थान नहीं रह जाता। आशा है कि मेरी सेवाएं बाकी के जीवन के
लिए आपके अधीन रहेंगी।
आपको उस ध्येय की
सिद्धि के लिए मेरी संपूर्ण वफादारी और निष्ठा प्राप्त होगी, जिसके लिए आपके जैसा त्याग और बलिदान भारत के
अन्य किसी पुरुष ने नहीं किया है। आपने अपने पत्र में मेरे लिए जो भावनाएं व्यक्त
की हैं, उसके लिए मैं आपका कृतज्ञ
हूं। ध्यान रहे की मौजूदा पीएम मोदी और
बीजेपी भी नेहरु को लेकर ऐसी ही गलतबयानी कर चुके है.
3 .
कहानी – राहुल गांधी को लेकर कई तरह के वीडियो आपको
देखने को मिलते होंगे, आपको मजा भी खूब
आता होगा, राहुल का एक बयान आपने
देखा होगा जिसमें ये कहा जा रहा था “इधर से आलू डालो उधर से सोना निकालो” इसे लेकर पीएम से लेकर बीजेपी तक मजे लेते दिखी.
हकीकत – दरअसल जिस वीडियो का आपको दिखाया जा रहा है वो
वीडियो अधूरा है. एक रैली में राहुल गांधी पीएम की बात को कोट करते हुए ये कह रहे
थे कि “पीएम मोदी ऐसे जादूगर है
कि वो बोलते है कि आप इधर से आलू डालो उधर से सोना निकालो”. इसी हिस्से से छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया जा
रहा है जिसका आप भी शिकार हो गए.
4.
कहानी – पीएम मोदी ने जब हाल में सदन में राष्ट्रपति के
अभिभाषण का जवाब देते हुए 90 मिनट तक लोकसभा
में भाषण दिया तो उस दौरान उन्होने इंदिरा गांधी पर निशाना साधा था . शिमला समझौते
में गलत कदम उठाने का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि ये इंदिरा गांधी की गलती
थी कि उन्होने बेनजीर भुट्टो से समझौते में गलत पॉलसी अपनाई. प्रधानमंत्री मोदी ने
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से बैठक और
मुलाकात का हवाला देते वक़्त बेनज़ीर भुट्टो के नाम का जिक्र किया था .
हकीकत - जबकी सच्चाई ये है कि इंदिरा गांधी का निधन 1984 में हुआ था और बेनज़ीर भुट्टो पाकिस्तान की
प्रधानमंत्री 1989 में बनी थीं. और
शिमला समझौता 1972 में हुआ था और
इसपर हस्ताक्षर जुल्फीकार अली भुट्टो ने किया था.
5-
कहानी- पिछले कई महीनों से 10 रुपए के सिक्के को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. 10 रुपए का सिक्का असली और नकली के फेर में फंस
गया है. दावा है कि बाजार में 10 रुपए के नकली
सिक्कों की भारी खेप आई हुई है. इस दावे का असर ये है कि बाजार में कहीं भी कभी भी
कोई भी 10 का सिक्का लेने से मना
कर देता है.
हकीकत - महज 10 नहीं बल्कि 14 तरह के 10 रुपए के सिक्के बाजार में है और आरबीआई के
मुताबिक 14 तरह के डिजायन वाले 10 रुपए के सभी सिक्के मान्य हैं. इन सारे सिक्कों की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ
इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद है.
अलगी कड़ी में
आगे भी सच औऱ झूठ का फर्क हम आपको बताते रहेंगे...फिलहाल आप लोग भी कोशिश किजीए की
सच और झूठ में फर्क किया जा सके....
No comments:
Post a Comment