दिल कि लिखें तो कहां लिखें ...यहां लिखें कि वहां लिखें ..हमारी कलम में अगर हो स्याही किसी और की, तो फिर लिखें तो क्या लिखें।
Thursday, April 16, 2015
मीडिया कुछ घंटों में जहां पहुचा वहां प्रशासन को लगे थे 28 घंटे
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मौत के बाद पहला इन्टरव्यू नमस्कार, मैं ऋषिराज आज आपको एक ऐसा इन्टरव्यू पढाने जा रहा हूं जो अपने आप में नये किस्म का हैं। मैने मर चुके दल...
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सुनो ये किस्सा पुराना तो है लेकिन झूठा नहीं है... लोग मिटा करते है , हस्तियां नहीं ! ...........................................
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भड़ास वाला पगला गया है यह शब्द मेरे नहीं बल्कि एक न्यूज़ चैनल में काम करने वाले मेरे मित्र के हैं। मैंने जैसे ही उनको यह बताया कि भड़ास4 म...
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