दिल कि लिखें तो कहां लिखें ...यहां लिखें कि वहां लिखें ..हमारी कलम में अगर हो स्याही किसी और की, तो फिर लिखें तो क्या लिखें।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
मौत के बाद पहला इन्टरव्यू नमस्कार, मैं ऋषिराज आज आपको एक ऐसा इन्टरव्यू पढाने जा रहा हूं जो अपने आप में नये किस्म का हैं। मैने मर चुके दल...
-
भड़ास वाला पगला गया है यह शब्द मेरे नहीं बल्कि एक न्यूज़ चैनल में काम करने वाले मेरे मित्र के हैं। मैंने जैसे ही उनको यह बताया कि भड़ास4 म...
-
तो एजेंडा क्या है ? एजेंडा का पता नहीं लेकिन हर कोई इस होड़ में जरूर है कि वो या तो सत्ता के सबसे करीबी के तौर पर जाना माना जाए या फिर ...
No comments:
Post a Comment